हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष श्री कमलेश तिवारी जी की नृशंस हत्या।
सुदर्शन न्यूज़ चैनल के संपादक माननीय सुरेश चौव्हाण जी भी मौलाना अनवरुल-हक् के लिए फाँसी की सजा माँग कर रहे हैं। क्योंकि मीडिया में खुले तौर पर ५१ लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा ने ही समाज में एक समाज विशेष के युवाओं को हिन्दुओं की हत्या के लिए उकसाने का काम किया है जिसके फलस्वरूप ऐसा लगता है की आदरणीय कमलेश जी की निर्मम हत्या को अंजाम दिया गया होगा।
पकड़े गए तीनों आरोपी मुस्लिम हैं, जिनके नाम रशीद अहमद पठान उम्र २३ वर्ष पेशा दर्जी, मोहसिन शेख उम्र २४ वर्ष जो साड़ी की दूकान में कार्यरत है और तीसरे शख्श का नाम फैजान बताया जा रहा है और जिसकी उम्र २१ वर्ष है और वह एक जूते की दूकान में काम करता है। इस पूरी वारदात का सरगना रशीद अहमद पठान को बताया जा रहा है जिसकी उम्र से कोई इतनी नफ़रत भरी कट्टरपंथता का अंदाजा तक नहीं लगा सकता।
सरकार और विशेषकर मुस्लिम बुद्धिजीवियों को इस बात पर गंभीर होने की आवश्यकता है की कमलेश तिवारी जी ने ऐसा क्या कह दिया की छोटी उम्र के मुस्लिम युवकों ने मानवता को शर्मसार कर देनेवाली घटना की योजना बना डाली और कमलेश जी की निर्मम हत्या कर दी। इसी के साथ केंद्र सरकार को भी मुस्लिम युवाओं में फैल रहे कट्टरता का कारण जानने व कट्टरपंथी मौलाना, मौलवियों, ओवैसी जैसे नेताओं एंव मदरसों तथा मस्जिदों पर नजर रखने की आवश्यकता है जहाँ पर युवाओं में ऐसी कट्टरपंथी मानसिकता का बीजारोपण किया जा रहा है।
भूतकाल में भी मुसलमान पक्ष के लोगों की तरफ से हिंदू देवी-देवताओं के लिए विवादित एंव आपत्तिजनक बयां आये हैं किन्तु जैसा की सब जानते हैं की हिंदू एक सहिष्णु समाज है तथा हिंदू युवा संविधान में विशवास रखते हैं इसलिए अपने आराध्यों के खिलाफ इस तरह के अपमानजनक टिप्पणियों को नजरअंदाज कर देता है, वही दूसरी तरफ मुस्लिम समाज खुद तो सीमा लाँघकर बयानबाजी करता है वही दूसरी तरफ स्वयं मुस्लिम समाज फ्रांस की चार्ली एब्दो मैगजिन के कार्यालय पर हमला व श्री कमलेश तिवारी हत्याकांड को अंजाम दे देता है।

पिछले काफी दिनों से लगातार हिंदू संघटनों से जुड़े हुए लोगों की हत्याओं की घटनाये सामने आती जा रही है जिससे पूरा हिंदू समाज डरा हुआ है। प्रशासन, पुलिस, मीडिया सभी मुस्लिम पक्ष के साथ ही खड़ी दिखाई दे रही है तो अब हिंदुओं के सामने ये प्रश्न है की वे लड़ते है तो असहिष्णु कहलायेंगे और यदि चुप भी रहते है तो वैसा करना अपनी बारी की प्रतिक्षा करने के सामान होगा।
Edited by :- NA
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